Motivational story in hindi -आजकी ये motivational story आपको life मे देखने का नजरिया बदल देंगी |सबकी life मे उतार चड़ाव आते ही रहते है | लेकिन उसे हम केसे लेते हे वो हम पर निर्भर है | ये motivational story in hindi pdf हमे यही सिखाएगी और हमे किसका साथ लेना चाहिये जो हमेशा हमारे साथ रहे |
Motivational story in hindi pdf -एक बूढा व्यक्ति जिनकी उम्र तकरीबन 70 साल रही होगी। वह अपने पोते के लिए मार्किट से खिलौने लेकर सिटी बस से अपने घर जा रहे थे। और घर जाते वक्त उनका रास्ते में पर्स कहीं खो गया जब वह घर पहुंचे तो उन्हें याद आया कि उनके पास उनका पर्स नहीं था। और सबसे अफसोस की बात यह थी कि उस पर्स में उनकी कोई आईडी नहीं थी। अगर किसी ईमानदार व्यक्ति को मिलता भी तो वह व्यक्ति उन तक पहुंचा था कैसे?
क्योकि पर्स में उनकी कोई आईडी या कांटेक्ट नंबर नहीं था। उन्हें बुरा लग रहा था क्योंकि उनको वह पर्स उनके दादाजी ने दिया था। वह घर पर अपने पोते को खिलौने दे करके वापस मार्केट में निकल गए। बस स्टैंड पर पहुंचे और सिटी बस के ड्राइवर औऱ कंडक्टर का पता पूछकर उनके पास गए। और जा कर पूछा कि भैया वैसे तो मुझे बहुत कम उम्मीद है। लेकिन क्या इस सिटी बस में शाम 4:00 बजे जब मैं वापस जा रहा था। उस टाइम के लगभग कोई पर्स मिला था?
Motivational story in hindi -कंडक्टर ईमानदार था। उसने कहा कि यहां पर तो था, लेकिन यह मैं कैसे यकीन मान लूं कि वह पर्स आप ही का था। तो इन बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि उसमें भगवान की फोटो थी। तब कंडक्टर ने कहा भगवान की फ़ोटो तो हर किसी के पर्स में होती हैं उसमें क्या नई बात है? कुछ ऐसा बताओ जो आपके बारे में जो पर्स में हो। तब उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि इसमें मेरी कोई आईडी नहीं है। तो मैं साबित नहीं कर पाऊंगा कि पर्स मेरा है। लेकिन जो भगवान की फोटो है उसके बारे में कुछ बताना चाहता हूं।
तो कंडक्टर कहा कि आप बताइए। तो उन्होंने बताना शुरू किया कि यह पर्स मुझे मेरे दादाजी ने दिया था। तो मेरे लिए बड़ा ही मेमोरेबल था।और इस पर्स में बचपन में मैंने अपनी खुद की फोटो रखी क्योंकि खुद में बड़ा सुंदर लगता था। तो मैंने अपनी फोटो रखी, थी फिर मेरी शादी हो गई तो मैंने अपनी बीवी की फोटो रखी,उसके बाद मैंने बच्चों की फोटो रख ली।और आज ऐसा दिन आ गया है कि बच्चों के घर मुझे जाना पड़ता है। अपने पोते को खिलौने देने के लिए क्योंकि बच्चे मेरे घर नहीं आते सब अलग अलग रहते है।
भगवान की फोटो-Motivational story in hindi PDF download
कभी जिंदगी में खुशियां मिले तो चख लेना मिठाई समझकर और गम आए तो खा लेना दवाई समझकर।
Motivational story in hindi pdf -एक बूढा व्यक्ति जिनकी उम्र तकरीबन 70 साल रही होगी। वह अपने पोते के लिए मार्किट से खिलौने लेकर सिटी बस से अपने घर जा रहे थे। और घर जाते वक्त उनका रास्ते में पर्स कहीं खो गया जब वह घर पहुंचे तो उन्हें याद आया कि उनके पास उनका पर्स नहीं था। और सबसे अफसोस की बात यह थी कि उस पर्स में उनकी कोई आईडी नहीं थी। अगर किसी ईमानदार व्यक्ति को मिलता भी तो वह व्यक्ति उन तक पहुंचा था कैसे?
ईमानदारी -motivational story pdf
क्योकि पर्स में उनकी कोई आईडी या कांटेक्ट नंबर नहीं था। उन्हें बुरा लग रहा था क्योंकि उनको वह पर्स उनके दादाजी ने दिया था। वह घर पर अपने पोते को खिलौने दे करके वापस मार्केट में निकल गए। बस स्टैंड पर पहुंचे और सिटी बस के ड्राइवर औऱ कंडक्टर का पता पूछकर उनके पास गए। और जा कर पूछा कि भैया वैसे तो मुझे बहुत कम उम्मीद है। लेकिन क्या इस सिटी बस में शाम 4:00 बजे जब मैं वापस जा रहा था। उस टाइम के लगभग कोई पर्स मिला था?
Motivational story in hindi -कंडक्टर ईमानदार था। उसने कहा कि यहां पर तो था, लेकिन यह मैं कैसे यकीन मान लूं कि वह पर्स आप ही का था। तो इन बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि उसमें भगवान की फोटो थी। तब कंडक्टर ने कहा भगवान की फ़ोटो तो हर किसी के पर्स में होती हैं उसमें क्या नई बात है? कुछ ऐसा बताओ जो आपके बारे में जो पर्स में हो। तब उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि इसमें मेरी कोई आईडी नहीं है। तो मैं साबित नहीं कर पाऊंगा कि पर्स मेरा है। लेकिन जो भगवान की फोटो है उसके बारे में कुछ बताना चाहता हूं।
दादाजी का पर्श-motivaitonal story
तो कंडक्टर कहा कि आप बताइए। तो उन्होंने बताना शुरू किया कि यह पर्स मुझे मेरे दादाजी ने दिया था। तो मेरे लिए बड़ा ही मेमोरेबल था।और इस पर्स में बचपन में मैंने अपनी खुद की फोटो रखी क्योंकि खुद में बड़ा सुंदर लगता था। तो मैंने अपनी फोटो रखी, थी फिर मेरी शादी हो गई तो मैंने अपनी बीवी की फोटो रखी,उसके बाद मैंने बच्चों की फोटो रख ली।और आज ऐसा दिन आ गया है कि बच्चों के घर मुझे जाना पड़ता है। अपने पोते को खिलौने देने के लिए क्योंकि बच्चे मेरे घर नहीं आते सब अलग अलग रहते है।
भगवान का साथ -motivaitonal story in hindi pdf
तब मुझे समझ में आ गया,कि सब मुझे छोड़ कर चले गए मैंने आखिरी में भगवान की फोटो रखी है। क्योंकि वह साथ है।और जब वह साथ होता है,तो शायद सब कुछ साथ होगा और आने वाली विपरीत पारीस्थिति से लड़ने की और हौसला बनाये रखनेकी ताकत भी देता है।कहानी सुनने के बाद, कंडक्टर ने पर्स लौटा दिया।और फिर उस ईमानदार कंडक्टर का सुक्रिय करते वह बुढे बाबा अपने घर वापस चले गए।moral of this motivational story -कहानी की सीख
छोटी सी कहानी हमे जिंदगी में बहुत बड़ी बात सिखाती है। इंसान की जिंदगी में सुख और दुख आते रहेंगे आप लाइफ फ्रस्ट्रेट होंगे, दुखी होंगे, सब कुछ होगा आपके लाइफ में प्रॉब्लम भी आएंगे क्योंकि ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसकी जिंदगी में विपत्तियां नहीं आती।लेकिन जब आप ऊपर वाले को हमेशा याद करते हैं। तो वह आपको शक्ति देता है। साहस देता है। आप उसे भगवान कहिये अल्लाह कहिए खुदा कहिए। जिस भाषा में उन्हें बुलाना है। वह कहिए लेकिन जब वह आपके साथ होता है तो दुनिया की कोई ताकत आप को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। जब आपकी life में problem आती हैं। तो वह आप को problem से लड़ने की ताकत देता है।- ये Motivational story भी पढ़िये जो hindi मे दी गई है
- चंदनकाका की कहानी - best motivational story in hindi with moral
- 5 Best पागलपन -short success motivational story in hindi
दोस्तो, आपको ये motivational story कैसी लगी ये हमे comment करके जरूर बताना और ये Motivational story in hindi की PDF Download भी कर सकते हो |
0 टिप्पणियां